एक बूँद
बारिश की हर एक बूँद बताती है !
मै तेरी होने लगी हू!
मुझ से कह जाती है!!
मै तेरी होने लगी हू!
मुझ से कह जाती है!!
जब जब झूम के बरखा आती है!
तेरे आगमन में पलके बिछ जाती है !
मदहोश हवाओ में भी!भीनी माटी की सुगंध जग जाती है!
हर पल दिल की धड़कन बस बढ़ती जाती है!!
हर पल दिल की धड़कन बस बढ़ती जाती है!!
बस बढ़ती जाती है!
हर यादो के दोर में उसको ही पाती हूँ!
देख उन हाथो को थाम बारिश में मै सोचती रहती हूँ!
फिर देख झुरमुठ उन मस्त मगन बच्चो का मे भी खुश हो जाती हूँ!
तन्हा अकेले इस बरखा में भी मे हर रंग ढूंढा करती हूँ!!
उसकी मुस्कान में रहती हूँ मै!
तन्हा अकेले इस बरखा में भी मे हर रंग ढूंढा करती हूँ!!
उसकी मुस्कान में रहती हूँ मै!
उसकी यादू में सोया करती हू!
बारिश की एक एक बूँद में उस से मिल आती हूँ!
शिल्पा अमरया