मेरी अभिलाषा
नीले नीले अम्बर का साया सा कुछ पावन हू ! कुछ धुमिल हू मै
एक झोके में छा जाता हू ! एक झोके में खो जाता हू
फूलो का हसीं गुच्छा हू मै महका महका मदहोशी सा
आज खिला हू फिर कल मुरझाया हर पल ना रहा रोशन मेरा साया
अपनी नई पहचान पे झूम झूम के इतराता
हर एक हार पे एक दम अकेला हो जाता
मासूमियत भरा एहसास हू मै
नवजात शिशु सा एहसास हु मै
बस एक अस्तित्व के खिलवाड़ में
लहरों का वो तेज़ बहाव हू
वो यादों का पुलिंदा हू
नाम हू बस एक नाम हू मै
एक पल के लिए जीवीत हू
नीले नीले अम्बर का साया सा कुछ पावन हू ! कुछ धुमिल हू मै
एक झोके में छा जाता हू ! एक झोके में खो जाता हू
फूलो का हसीं गुच्छा हू मै महका महका मदहोशी सा
आज खिला हू फिर कल मुरझाया हर पल ना रहा रोशन मेरा साया
अपनी नई पहचान पे झूम झूम के इतराता
हर एक हार पे एक दम अकेला हो जाता
मासूमियत भरा एहसास हू मै
नवजात शिशु सा एहसास हु मै
बस एक अस्तित्व के खिलवाड़ में
अपनी पहचान को खोता पाया
तेज़ हवा का झोका हू मै
शीतल मॊसम जिसने बनाया
तपती गर्मी में मैने ही एहसासों को झुलसाया
लहरों का वो तेज़ बहाव हू
छूके पेरॊ को जो गुजर जाता
वो यादों का पुलिंदा हू
बहती लहरे जो बहा ले जाए
नाम हू बस एक नाम हू मै
उस रेत पे लिखा हुआ
एक पल के लिए जीवीत हू
दूजे पल मै नही रहा
कुंठाओ भरे मन से सोचा न हो पाया अंकित पत्थर पे
जो ना कभी मिट पाता
रेत पर ही सिमट गया !! मेरी पहचान मेरा साया
शिल्पा अमरया